Nifty 50 https://nifty50.info Indian Stock Market Information Fri, 27 Oct 2023 04:59:26 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.5 https://nifty50.info/wp-content/uploads/2023/05/favicon.png Nifty 50 https://nifty50.info 32 32 Business Ke Liye Personal Loan without Salary Slip Lene Ke 5 Tips https://nifty50.info/personal-loan-without-salary-slip/ https://nifty50.info/personal-loan-without-salary-slip/#respond Wed, 11 Oct 2023 06:57:01 +0000 https://nifty50.info/?p=1373 Read more]]> Business Ke Liye Personal Loan without Salary Slip Lene Ke 5 Tips

Personal Loan एक बेहद ही असुरक्षित लोन माना जाता है, जिसे लेकर आप किसी भी कार्य में खर्च कर सकते है. इसके लिए आपको कोई भी गारंटी देने की ज़रुरत नहीं पड़ती है और यह बहुत जल्दी मिलने वाला लोन है. पर्सनल लोन की गारंटी न होने के कारण बैंक या लोन देने वाले आपसे सैलरी स्लिप की मांग करते है, ताकि वह जान सके के आप इस लोन को वापिस कर पाएंगे के नहीं.

जो लोग तो नौकरी में है उन्हें सैलरी स्लिप देने में कोई प्रॉब्लम नहीं हो सकती परन्तु जिस व्यक्ति का खुद का बिज़नस है उसको इसमें प्रॉब्लम आ सकती है, ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे है ऐसे टिप्स जिन्हें जानकार आपना बिना सैलरी स्लिप के भी जल्द से जल्द पर्सनल लोन प्राप्त कर सकते है.

Business के लिए बिना सैलरी स्लिप के पर्सनल लोन कैसे ले?

आइये जाने Personal Loan Without Salary slip कैसे ले.

  1. किसी अन्य प्रकार का इनकम प्रूफ दिखाकर

अगर आप नौकरी पेशा नहीं है और खुद का बिज़नस करते है तो ऐसे में आपके पास सैलरी स्लिप तो नहीं हो सकते, ऐसे में आप बैंक को कोई अन्य इनकम प्रूफ दिखा सकते है, जैसे के आपकी बैंक डिटेल्स, इनकम टैक्स रिटर्न, या कोई अन्य इनकम सर्टिफिकेट या किसी प्रकार की सेविंग्स डिटेल्स.

यह प्रूफ दिखाकर आप बैंक को तसल्ली दिलवा सकते है के उनका पैसा सही हाथ में है और आप उनके लोन का सही इस्तेमाल कर समाया समय पर उनका लोन वापिस करते रहेंगे.

  1. बैंक के साथ आपके अच्छे सम्बन्ध

अगर बैंक में आपका खाता पुराना है या फिर नया भी है परन्तु आपकी डीलिंग बैंक के साथ सही है तो शायद वह आपसे पर्सनल लोन के लिए डॉक्यूमेंट भी मत मांगे. बैंक वालो को भी अच्छे कस्टमर चाहिए होते है, अगर आपकी डीलिंग उनके साथ सही है तो वह आपको आसानी से लोन दे सकते है.

अगर आपके पास बैंक का कोई क्रेडिट कार्ड है और आप उसके पैसे सही टाइम पर भरते रहे है तो शायद वह खुद भी आपको पर्सनल लोन के लिए पूछ सकते है.

  1. एक बेहद बढ़िया सिबिल स्कोर होना

CIBIL के संस्था है जिसके पास आपके पैसो के लेन दें का रिकॉर्ड होता है और उसी से पता चलता है आप सिबिल रिकॉर्ड. सिबिल स्कोर साधारणत: 300 से 700 के बीच में होता है, अगर आपका सिबिल स्कोर 700 से ऊपर है तो आपको पर्सनल लोन मिलने में आसानी हो सकती है. और शायद आपके लोन पर ब्याज भी हल्का फुलका कम हो सकता है.

किसी भी प्रकार का लोन लेते वक़्त अपनी किश्ते हमेशा सही समय पर भरे, आपके बैंक में कभी भी चेक बाउंस नहीं होना चाहिए, और आपका बैंक अकाउंट सही ढंग से मेन्टेन रहना चाहिए.

अगर जैसा ऊपर लिखा है, आप वैसा ही करते है तो जितने पैसो को आपको ज़रुरत है आपको उस से ज्यादा पैसे देने में में बैंक को कोई ऐतराज नहीं होगा.

  1. अपनी किसी सम्पति की गारंटी देना

आप चाहे तो बैंक वालो को अपनी किसी प्रॉपर्टी के कागज़ देकर भी लोन प्राप्त कर सकते है और वह लोन अगर बड़ी अमाउंट है तो भी आपको लोन मिल सकता है, ज्यादातर प्रॉपर्टी के अगेंस्ट आपको 80% तक लोन मिल सकता है, और इस पर ब्याज भी पर्सनल लोन के मुकाबले काफी कम होता है, और किश्त देने के टाइम को भी काफी बढ़ाया जा सकता है.

इसमें एक बात का ध्यान रखना, लोन न चूका पाने के एवज में बैंक चाहे तो आपकी सम्पति को नीलाम भी कर सकता है.

  1. किसी अन्य रेगुलर इनकम वाले के साथ मिलकर लोन लेना

आगर आपके घर में या कोई दोस्त-रिश्तेदार जिसकी की जॉब है और सैलरी स्लिप भी है, तो आप उसको पार्टनर बनाकर भी दोनों मिलकर लोन ले सकते है (बस आपके दोस्त का या रिश्तेदार का इसके लिए मानना ज़रूरी है). ऐसे लोन के लिए किसी का पर्त्नेर बनना थोडा मुश्किल होता है, परन्तु अब यह आपके ऊपर है के आप दुसरे व्यक्ति को मना सकते हो के नहीं.

Personal Loan without Salary Slip से जुड़े कुछ सवाल

क्या मुझे Personal Loan without Salary Slip मिल सकता है?

बिना सैलरी स्लिप के पर्सनल लोन लेने के लिए आपको पैन कार्ड, आधार कार्ड, बैंक डिटेल्स  जैसे डाक्यूमेंट्स दिखाकर भी लोन ले सकते है. बैंक के साथ आपके अच्छे सम्बन्ध भी आपको लोन दिलवाने में मदद कर सकते है.

क्या मुझे ऑनलाइन तत्काल पर्सनल लोन मिल सकता है?

अगर ऑनलाइन इमरजेंसी पर्सनल लोन लेना है तो लोन देने वाले बैंक्स को Compare करे के कौन जल्द से जल्द ऑनलाइन पर्सनल लोन दे सकता है, उनकी वेबसाइट या फिर Personal Loan App Without Salary Slip में अपनी डिटेल्स डाले, अपना पैन कार्ड और अन्य डिटेल्स फिल करके सबमिट कर दे. और उनके रिप्लाई की प्रतीक्षा करे. ज्यादातर मामलो में कुछ ही मिनटों में बैंक की कॉल आ जाती है.

उसके बाद उनकी बताई डिटेल्स को पूरा कर आप घर बैठे ही ऑनलाइन पर्सनल लोन प्राप्त कर सकते है.

तो दोस्तों उम्मीद है आब आपको पता चल गया होगा के How to Get Personal Loan Without Salary Slip. कृपया हमारी पोस्ट Business Ke Liye Personal Loan without Salary Slip Lene Ke 5 Tips को शेयर अवश्य करे, धन्यवाद.

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Nifty 50 Stocks List https://nifty50.info/nifty-50-stocks-list/ https://nifty50.info/nifty-50-stocks-list/#respond Sun, 09 Jul 2023 06:20:22 +0000 https://nifty50.info/?p=368 Read more]]> Nifty 50 Stocks List

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपको बताने जा रहे है उन Nifty 50 Stocks की जो शेयर मार्किट को उपर या निचे लेकर जाते है.

List of stocks in Nifty 50

  1. Adani Ports Sez Ltd – अदानी पोर्ट्स सेज़ लिमिटेड
  2. Apollo Hospitals Ltd – अपोलो हॉस्पिटल्स लिमिटेड
  3. Asian Paints Ltd – एशियन पेंट्स लिमिटेड
  4. Axis Bank Ltd – एक्सिस बैंक लिमिटेड
  5. Bajaj Auto Ltd – बजाज ऑटो लिमिटेड
  6. Bajaj Finance Ltd – बजाज फाइनेंस लिमिटेड
  7. Bajaj Finserv Ltd – बजाज फिनसर्व लिमिटेड
  8. Bharat Petroleum Ltd – भारत पेट्रोलियम लिमिटेड
  9. Bharti Airtel Ltd – भारती एयरटेल लिमिटेड
  10. Britannia Industries Ltd – ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज लिमिटेड
  11. Cipla Ltd – सिप्ला लिमिटेड
  12. Coal India Ltd – कोल इंडिया लिमिटेड
  13. Divis Laboratories Ltd – डिविस लेबोरेटरीज लिमिटेड
  14. Dr Reddys Laboratories Ltd – डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज लिमिटेड
  15. Eicher Motors Ltd – आयशर मोटर्स लिमिटेड
  16. Grasim Industries Ltd – ग्रासिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड
  17. Hcl Technologies Ltd – एचसीएल टेक्नोलॉजीज लिमिटेड
  18. Hdfc Bank Ltd – एचडीएफसी बैंक लिमिटेड
  19. Hdfc Life Insurance Ltd – एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस लिमिटेड
  20. Hero Motocorp Ltd – हीरो मोटोकॉर्प लिमिटेड
  21. Hindalco Industries Ltd – हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड
  22. Hindustan Unilever Ltd – हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड
  23. Icici Bank Ltd – आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड
  24. Indian Oil Corporation Ltd – इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड
  25. Indusind Bank Ltd – इंडसइंड बैंक लिमिटेड
  26. Infosys Ltd – इन्फोसिस लिमिटेड
  27. Itc Ltd – आईटीसी लिमिटेड
  28. Jsw Steel Ltd – जेएसडब्ल्यू स्टील लिमिटेड
  29. Kotak Mahindra Bank Ltd – कोटक महिंद्रा बैंक लिमिटेड
  30. Lt Larsen Toubro Ltd – लेफ्टिनेंट लार्सन टुब्रो लिमिटेड
  31. Mahindra Mahindra Ltd – महिंद्रा महिंद्रा लिमिटेड
  32. Maruti Suzuki Ltd – मारुति सुजुकी लिमिटेड
  33. Nestle India Ltd – नेस्ले इंडिया लिमिटेड
  34. Ntpc Ltd – एनटीपीसी लिमिटेड
  35. Oil Natural Gas Corporation Ltd – आयल एंड नेचुरल गैस निगम लिमिटेड
  36. Power Grid Corporation Of India Ltd – पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया
  37. Reliance Industries Ltd – रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड
  38. Sbi Life Insurance Ltd – एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस लिमिटेड
  39. Shree Cement Ltd – श्री सीमेंट लिमिटेड
  40. State Bank Of India Ltd – भारतीय स्टेट बैंक लिमिटेड
  41. Sun Pharmaceutical Ltd – सन फार्मास्युटिकल लिमिटेड
  42. Tata Consumer Products Ltd – टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड
  43. Tata Motors Ltd – टाटा मोटर्स लिमिटेड
  44. Tata Steel Ltd – टाटा स्टील लिमिटेड
  45. Tcs Tata Consultancy Services Ltd – टीसीएस टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज लिमिटेड
  46. Tech Mahindra Ltd – टेक महिंद्रा लिमिटेड
  47. Titan Ltd – टाइटन लिमिटेड
  48. Ultratech Cement Ltd – अल्ट्राटेक सीमेंट लिमिटेड
  49. Upl United Phosphorus Ltd – यूपीएल यूनाइटेड फॉस्फोरस लिमिटेड
  50. Wipro Ltd – विप्रो लिमिटेड

Nifty 50 इंडेक्स क्या है?

अगर आप शेयर मार्किट में अपना पैसा इन्वेस्ट करते है तो आपको पता होगा के शेयर मार्किट को चलने वाले जो शेयर्स होते है जो के निफ्टी के अंतर्गत आते है वह केवल 50 शेयर ही है, और उनकी को Nifty 50 इंडेक्स कहा जाता है.

Nifty 50 शेयरों में निवेश कैसे करें?

अगर आप शेयर्स में इन्वेस्ट करना चाहते तो बेहतर होगा के आप Nifty 50 इंडेक्स में इन्वेस्ट करे, आप नीचेगए तरीको से कर सकते है:-

  1. सबसे पहले एक भरोसेमंद शेयर ब्रोकर चुने.
  2. आप चाहे तो ऑनलाइन डीमैट खाता भी खोल सकते है (मेरा मानना है के आप अपने इलाके के आस पास के लोकल ब्रोकर को भी चुन सकते है).
  3. डीमैट अकाउंट खुलने पर आप जितनी राशी जमा करवाना चाहते है उतनी करवा सकते है. (आप जब चाहे पैसे निकलवा सकते है और जब चाहे और पैसे डाल भी सकते है).
  4. अब आप Nifty 50 के किसी भी शेयर में जितना इन्वेस्ट करना चाहते है कर सकते है.
  5. कोशिश करे के 10-20% ही एक कंपनी या फिल्ड में इन्वेस्ट करे, अपने पास 5 अलग कंपनी या फिल्ड के शेयर्स रखे.

निफ्टी 50 क्या है?

निफ्टी-50 National Stock Exchange में सूचीबद्ध भारत की शीर्ष 50 कंपनियों के weighted average का प्रतिनिधित्व करता है। दरअसल, निफ्टी 50 National Stock Exchange 50 का संक्षिप्त रूप है। निफ्टी 50 एक मार्केट इंडेक्स है।

किसी भी सूचकांक की तरह, यह ब्लूचिप कंपनियों में निवेश होल्डिंग्स के पोर्टफोलियो का प्रतिनिधित्व करता है। इसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज, भारतीय स्टेट बैंक, मारुति सुजुकी, टीसीएस, एशियन पेंट्स और 45 अन्य उद्योग की अग्रणी कंपनियां शामिल हैं।

कई म्यूचुअल फंड निफ्टी को अपने बेंचमार्क के रूप में उपयोग करते हैं। निफ्टी की शुरुआत नेशनल स्टॉक एक्सचेंज द्वारा वर्ष 1996 में की गई थी।

निफ्टी 50 स्टॉक कैसे चुने जाते हैं?

निफ्टी के पास अपनी कंपनियों के चयन के लिए एक बहुत अच्छी तरह से  पारदर्शी और परिभाषित पद्धति है। इस चयन प्रक्रिया को हम चार भागों में देख सकते हैं। कंपनियों का  बेसिक कंस्ट्रक्ट, लिक्विडिटी रूल्स, यूनिवर्स ऑफ कंपनीज,रीबैलेंसिंग और कॉन्स्टिट्यूशन रूल्सम।

Nifty का हिस्सा बनने के लिए किसी कंपनी को पहले नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होना पड़ता है। कंपनी को एनएसई के फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस सेगमेंट में ट्रेडिंग के लिए भी उपलब्ध होना चाहिए। मूल संरचना की बात करें तो चयनित कंपनी फ्री-फ्लोट मार्केट कैप के मामले में top 50 companies में से एक होनी चाहिए।

तीसरी चीज है लिक्विडिटी और यहां सिर्फ उन्हीं कंपनियों को चुना जाता है जिनका high trading volume रहता है।

अंतिम चयन सेमी-एनुअल रीबैलेंसिंग एक्सरसाइज है, जो यह तय करता है कि कौन से स्टॉक निफ्टी में रहेंगे, कौन से नए स्टॉक आएंगे और कौन से मौजूदा स्टॉक निफ्टी से बाहर निकल जाएंगे। यह प्रक्रिया हर साल जून और दिसंबर में होती है, यानि के लगभग हर 6 महीने के बाद ।

समय के साथ निफ्टी बदलता रहता है

समय के साथ निफ्टी की सेक्टोरल संरचना बदल गई है। इसकी स्थापना के समय, निफ्टी में कोई प्रौद्योगिकी कंपनी नहीं थी और केवल एक निजी बैंक था। आज निफ्टी की top 10 companies में चार निजी बैंक और इंफोसिस और टीसीएस के रूप में दो बड़ी आईटी कंपनियां हैं।

लेकिन यह कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी कि आने वाले 5, 10 और 20 सालों में निफ्टी अब से काफी बदल जाएगा। समय के साथ, हम नई कंपनियों और नए क्षेत्रों को उभरते हुए देखेंगे। जैसे 5 साल पहले यहां कोई बीमा कंपनी नहीं थी, लेकिन आज है. आज हमारे पास पेटीएम, बायजू, फ्लिपकार्ट,  और अन्य नए Consumer Facing Business होंगे जो शायद आने वाले समय में इंडेक्स में अपनी जगह बना सके.

1000 अंकों के बेस से शुरुआत हुई

निफ्टी 50 ने 1000 अंकों के आधार मूल्य के साथ अपनी यात्रा शुरू की। आज यह 19,500 (July 2023) का आंकड़ा पार कर गया है. इस प्रकार इसने सोने और रियल एस्टेट जैसे अन्य Asset Class की तुलना में बहुत अधिक रिटर्न दिया है।

हालाँकि, इक्विटी बाज़ारों की प्रकृति को दर्शाते हुए, निफ्टी 50 में भी कई उतार-चढ़ाव देखे गए हैं। जैसे साल 2008 में निफ्टी 50 फीसदी से ज्यादा गिरा और अगले ही साल 2009 में 76 फीसदी बढ़ गया.

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Nifty Today Trend | Bank Nifty Today Trend | BSE Sensex Today Trend https://nifty50.info/nifty-today-trend/ https://nifty50.info/nifty-today-trend/#respond Mon, 22 May 2023 11:22:07 +0000 https://nifty50.info/?p=142 Read more]]> Nifty Today Trend | Bank Nifty Today Trend | BSE Sensex Today Trend

दोस्तों इस पेज पर आपको रोज़ का Nifty Today Trend | Bank Nifty Today Trend | BSE Sensex Today Trend देखने को मिलेगा.

आइये जाने Nifty Today Trend | Bank Nifty Today Trend | BSE Sensex Today Trend के बारे में

Category Date Previous Close Open High Low
Nifty 50 14-Aug-2023 19428.30 19383.95 19465.85 19257.90
Bank Nifty 14-Aug-2023 44199.10 44066.60 44212.75 43776.90
Sensex 14-Aug-2023 65322.65 65153.02 65517.82 64821.88
Category Date Previous Close Open High Low
Nifty 50 05-June-2023 18534.10 18612.00 18640.15 18582.80
Bank Nifty 05-June-2023 43937.85 44103.25 44266.15 44074.20
Sensex 05-June-2023 62547.11 62759.19 62943.20 62751.72
Category Date Previous Close Open High Low
Nifty 50 02-June-2023 18487.75 18550.85 18573.70 18478.40
Bank Nifty 02-June-2023 43790.20 43997.30 44088.90 43812.55
Sensex 02-June-2023 62428.54 62601.97 62719.84 62379.86
Category Date Previous Close Open High Low
Nifty 50 01-June-2023 18534.40 18579.40 18580.30 18464.55
Bank Nifty 01-June-2023 44128.15 44172.05 44179.95 43706.15
Sensex 01-June-2023 62622.24 62736.47 62762.41 62359.14
Category Date Previous Close Open High Low
Nifty 50 31-05-2023 18633.85 18594.20 18603.90 18483.35
Bank Nifty 31-05-2023 44436.35 44318.00 44339.05 43822.70
Sensex 31-05-2023 62969.13 62839.97 62876.77 62401.02
Category Date Previous Close Open High Low
Nifty 50 30-05-2023 18598.65 18606.65 18662.45 18575.50
Bank Nifty 30-05-2023 44311.90 44277.35 44498.60 44207.50
Sensex 30-05-2023 62846.38 62839.85 63036.12 62737.40

 

Category Date Previous Close Open High Low
Nifty 50 26-05-2023 18499.35 18619.15 18641.20 18581.25
Bank Nifty 26-05-2023 44018.00 44276.80 44486.35 44193.95
Sensex 26-05-2023 62501.69 62801.54 63026.00 62801.54

 

Category Date Previous Close Open High Low
Nifty 50 25-05-2023 18285.40 18268.90 18338.10 18202.40
Bank Nifty 25-05-2023 43677.85 43630.25 43719.85 43390.30
Sensex 25-05-2023 61773.78 61706.13 61934.04 61484.66
Category Date Previous Close Open High Low
Nifty 50 24-05-2023 18348.00 18294.80 18262.95 18392.60s
Bank Nifty 24-05-2023 43954.45 43639.80 44101.45 43639.80
Sensex 24-05-2023 61981.79 61834.28 62154.14 61708.10

 

Category Date Previous Close Open High Low
Nifty 50 23-05-2023 18314.40 18362.90 18419.75 18324.20
Bank Nifty 23-05-2023 43885.10 43978.90 44095.25 43852.20
Sensex 23-05-2023 61963.68 62098.16 62245.19 61914.40

 

Category Date Previous Close Open High Low
Nifty 50 22-05-2023 18203.40 18201.10 18335.25 18178.85
Bank Nifty 22-05-2023 43969.40 43935.30 44026.75 43684.90
Sensex 22-05-2023 61729.68 61579.78 61579.78 62044.46

 

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FII DII Data – Daily Update https://nifty50.info/fii-dii-data/ https://nifty50.info/fii-dii-data/#respond Sat, 20 May 2023 07:24:09 +0000 https://nifty50.info/?p=64 Read more]]> FII DII Daily Data

 दोस्तों इस पेज पर आपको रोजाना FII DII Data – Daily Update के साथ मिलेगा.

Data देखने के लिए पेज के अंत में जाए

बाजारों में किसका दबदबा है? – Know Who have hold in Indian Stock Market

एफआईआई, डीआईआई और खुदरा निवेशक गतिविधि पर एक नजर

आइये जाने FII DII Data – Daily Update

शेयर बाजार सभी व्यापारियों और निवेशकों के कार्यों का कुल योग है। चाहे कितना भी बड़ा या कितना भी छोटा क्यों न हो। किसी भी बाजार सहभागी के खरीदने या बेचने के फैसले का परिणाम किसी भी शेयर की कीमत पर पड़ता है। इसलिए, यह समझना महत्वपूर्ण है कि बाजार सहभागियों का कौन सा खंड हावी हो रहा है।

आपके और मेरे जैसे लोग, जो व्यक्तिगत रूप से शेयर बाजार में निवेश करते हैं, वे सभी खुदरा श्रेणी में आते हैं। म्यूचुअल फंड, पेंशन फंड जैसे निवेश संस्थान विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) या घरेलू संस्थागत निवेशक (DII) श्रेणी के अंतर्गत आते हैं। तीनों मिलकर बाजारों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनते हैं।

ऐतिहासिक रूप से, एफआईआई भारतीय बाजारों में प्रमुख भागीदार रहे हैं। उनके कदम अक्सर बाजारों की दिशा पर भारी पड़ते हैं। क्या वे अभी भी एक प्रमुख शक्ति हैं? चलो एक नज़र में जाने.

FII activity in India – भारत में एफआईआई की गतिविधि

भारतीय इक्विटी बाजारों में एफआईआई भागीदारी की एक झलक

वर्षों से, एफआईआई विविध परिमाण और बदलते रुझान दिखा रहे हैं। एफआईआई प्रवाह ने 2000 से 2003 तक एक सुस्त प्रवृत्ति देखी, जो कि डॉटकॉम बुलबुले के साथ हुई थी।

2004 से 2007 तक बुल रन के दौरान, एफआईआई ने भारतीय बाजारों में 46.4 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश किया। हालाँकि, 2008 में पूरी दुनिया ने वैश्विक वित्तीय संकट की आंच को महसूस किया, जो अमेरिका में उत्पन्न हुआ था। और एफआईआई निवेश में गिरावट आई।

2009 से 2015 तक, हमारे पास विदेशी निवेशक भागीदारी की एक उत्कृष्ट अवधि थी। अकेले 2010 में, एफआईआई ने भारतीय इक्विटी में 29.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया। इसका कारण विकसित अर्थव्यवस्थाओं द्वारा अपनाई गई मात्रात्मक सहजता (QE) थी।

सरल शब्दों में QE का अर्थ है – पैसे की छपाई। इन केंद्रीय बैंकों ने पैसा छापा और सस्ती तरलता से भर गए। सस्ते पैसे की इस बाढ़ ने भारत सहित कई उभरते बाजारों में अपना रास्ता बना लिया।

कमजोर एफआईआई भागीदारी की 2016 से 2018 तक की अवधि मौद्रिक नीति को सामान्य बनाने के अमेरिकी केंद्रीय बैंक के लक्ष्य के साथ मेल खाती है

अगस्त 2021 तक पिछले तीन वर्षों में, एफआईआई भारत लौट आए हैं। हमने इस CYTD में लगभग US$ 7.4 बिलियन FII प्रवाह को आकर्षित किया है। पिछले 20 वर्षों में, केवल तीन कैलेंडर वर्ष रहे हैं जब एफआईआई ने लगातार मुद्रा मूल्यह्रास और विश्वव्यापी व्यवधानों के बावजूद भारत से पैसा निकाला है।

कुल मिलाकर, पिछले 20 वर्षों में भारत में एफआईआई होल्डिंग्स में वृद्धि हुई है। बीएसई-500 का लगभग 22-23% आज एफआईआई के स्वामित्व में है, और वे प्रवर्तकों के बाद दूसरे सबसे बड़े निवेशक बन गए हैं।

इतना ही नहीं, भारत पिछले तीन वर्षों से उभरते बाजारों में एक बाहरी देश रहा है। एफआईआई को भारत की ओर आकर्षित करने वाले कुछ कारक हैं – मजबूत आर्थिक सुधार और अच्छी आय वृद्धि की बढ़ती उम्मीदें, कमजोर डॉलर इंडेक्स और सरकार के प्रोत्साहन उपाय।

भारत – विदेशी निवेशकों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य

एफआईआई – अब एकमात्र भारतीय शेयर बाज़ार मूवर्स नहीं हैं

पिछले कुछ वर्षों में बाजार के अंडरकरंट की भविष्यवाणी करने में एफआईआई आंकड़े महत्वपूर्ण साबित हुए हैं। लेकिन आज के बाजार में केवल एफआईआई ही नहीं हैं जो बाजारों को प्रभावित करते हैं। रिटेल, हाई नेट वर्थ इंडिविजुअल्स (HNI) और डोमेस्टिक म्यूचुअल फंड्स की हिस्सेदारी भी पिछले साल से बढ़ी है।

कोविड-19 से पहले रिटेल सेगमेंट का बहुत दबदबा नहीं था। सक्रिय और आक्रामक खुदरा खंड की भागीदारी के कारण लॉकडाउन ने बाजार के स्वर को बदल दिया है। FY21 में, हमने लगभग 1.4 करोड़ नए डीमैट खाते खोले हैं।

इस बीच, 8000-9000 करोड़ रुपये की हमारी मासिक एसआईपी रन रेट भी सालाना 14-15 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक जुड़ जाती है जो किसी भी बड़े एफआईआई पुलआउट के खिलाफ गद्दी की मदद कर रही है।

वास्तव में, अप्रैल 2021 से अगस्त 2021 तक DII प्रवाह 7.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर बनाम FII प्रवाह 2.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। ध्यान दें कि, इसी अवधि के दौरान, सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में लगभग 15% की वृद्धि हुई है!

दिलचस्प बात यह है कि डीआईआई आत्मविश्वास से भरे रहे और इस वित्त वर्ष में ज्यादातर महीनों में एफआईआई के बाहर होने के बावजूद निवेश करते रहे।

DIIS ही चलते है भारतीय शेयर बाज़ार

तो, बाजार के प्रभाव का आकलन करने के लिए प्रमुख संकेतकों के रूप में क्या कार्य करना चाहिए?

जबकि एफआईआई और डीआईआई गतिविधि बाजार की गतिविधि का एक संकेतक हो सकती है, एफआईआई या डीआईआई खरीद रहे हैं या नहीं, इस पर कोई भी अपने निवेश निर्णयों को आधार नहीं बना सकता है।

बॉटम-अप दृष्टिकोण के लिए जाना सबसे अच्छा है। निवेशकों को अपना दांव केवल उन कंपनियों पर लगाना चाहिए जिनके फंडामेंटल मजबूत हों और जो वाजिब वैल्यूएशन पर उपलब्ध हों।

स्टॉक्स में FII की खरीदारी कैसे पता करें?

स्टॉक मार्केट्स का सबसे बड़ा रहस्य स्टॉक्स में FII की खरीदारी का पता लगाना है। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि एफआईआई की खरीदारी किसी शेयर की किस्मत बना या बिगाड़ सकती है।

हाल के दिनों का सबसे अच्छा उदाहरण वक्रांगी है। भारी FII ख़रीदने और फिर FII की बिक्री के कारण 3 महीने के भीतर स्टॉक का भाग्य दो बार बदला। भारी एफआईआई खरीदारी हुई जिसने स्टॉक को जून’15 में 52 सप्ताह के निचले स्तर से अगस्त’15 में 52 सप्ताह के उच्च स्तर तक ले लिया।

भुगतान बैंक लाइसेंस प्राप्त करने में विफल होने के बाद, स्टॉक उसी महीने यानी अगस्त 2015 में लगभग 52 सप्ताह के निचले स्तर पर गिर गया। सामान्य तौर पर, बाजार उन शेयरों के पक्ष में है जिनमें एफआईआई की खरीदारी स्पष्ट है।

यह डेटा हर तिमाही में उपलब्ध होता है जब कंपनियां अपने शेयरहोल्डिंग पैटर्न की घोषणा करती हैं। एफआईआई होल्डिंग में वृद्धि का मतलब है कि पिछली तिमाही के दौरान एफआईआई की खरीदारी सक्रिय थी। एक निवेशक के रूप में, यह जानकारी किसी काम की नहीं है क्योंकि खेल पहले ही खत्म हो सकता है।

मजा तो एफआईआई की खरीदारी के वक्त एंट्री करने का है। अगर आप ऐसे शेयरों की पहचान कर लें तो यह आपकी तकदीर बना भी सकता है और बिगाड़ भी सकता है।

यह एक ज्ञात तथ्य है कि भारतीय शेयर बाजार के अस्तित्व के लिए एफआईआई खरीदारी महत्वपूर्ण है। डीआईआई खरीदारी केवल बाजार का समर्थन कर सकती है लेकिन इसे चला नहीं सकती।

हमने इसे हालिया मेल्टडाउन में देखा है यानी निफ्टी लगभग 8600 से 7500 के करीब गिर गया है। अगर एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशक) बाहर निकलने का फैसला करते हैं तो इससे बाजार में तबाही हो सकती है।

एफआईआई पर एमएटी लगाने के संबंध में भारत सरकार का हालिया निर्देश एफआईआई की नसों को शांत करने और स्थिर कर व्यवस्था प्रदान करने का एक कदम था। एक निवेशक हमेशा उन शेयरों की तलाश करता है जो एफआईआई के पसंदीदा होते हैं। ऐसे शेयर असाधारण रिटर्न दे सकते हैं।

लोगो की एफआईआई की खरीददारी के बारे में गलत धारणा

इससे पहले कि हम आगे बढ़ें, मैं एफआईआई खरीदारी के बारे में सबसे बड़ी गलतफहमियों में से एक को स्पष्ट करना चाहूंगा। हालांकि व्यापारियों को इस तथ्य के बारे में पता है लेकिन अभी भी बहुतों को पता नहीं है।

आपने समाचार रिपोर्टों को पढ़ा होगा या टीवी चैनलों पर देखा होगा कि FII ने +300 करोड़ खरीदे या FII ने -250 करोड़ बेचे। आम तौर पर निवेशक इसे सकल संख्या के रूप में मानते हैं, लेकिन इस मामले का तथ्य यह है कि ये संख्या शुद्ध मूल्य हैं, अर्थात खरीद मूल्य घटा बिक्री मूल्य।

उदाहरण के लिए, यदि आज एफआईआई ने 2000 करोड़ रुपये की प्रतिभूतियां खरीदीं और 1600 करोड़ रुपये बेचीं। ऐसे में मीडिया में रिपोर्ट किया गया FII का आंकड़ा +400 Cr होगा। संक्षेप में, शुद्ध आधार पर एफआईआई की खरीदारी 400 करोड़ रुपये थी जो एक सकारात्मक संकेत है।

इसके विपरीत यदि एफआईआई की खरीदारी 2500 करोड़ रुपये है और बिक्री 3000 करोड़ रुपये है तो एफआईआई आंकड़ा -500 करोड़ है यानी शुद्ध आधार पर एफआईआई की बिक्री -500 करोड़ थी जो एक नकारात्मक संकेत है।

इसलिए, मैं यह कहने की कोशिश कर रहा हूं कि अगर एफआईआई की रिपोर्ट नकारात्मक है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि एफआईआई की खरीदारी बंद हो गई है। शुद्ध आधार पर, वे बिक्री कर सकते हैं जो नकारात्मक है लेकिन वे अभी भी खरीद रहे हैं जो कि कम खरीदारी है।

स्टॉक्स में FII की खरीदारी कैसे पता करें?

एफआईआई/एफपीआई ट्रेडिंग गतिविधि: FII/FPI Trading Activity

एनएसई दैनिक आधार पर एफआईआई ट्रेडिंग गतिविधि प्रकाशित करता है। प्रथम दृष्टया यह डेटा आम निवेशक के लिए किसी काम का नहीं लगता है लेकिन अगर आप इसे स्टॉक के साथ मैप करते हैं तो आप बहुत कुछ निष्कर्ष निकाल सकते हैं।

व्यक्तिगत रूप से मैंने देखा है कि मजबूत खरीद या मजबूत बिक्री होने पर आप अधिक सटीक रूप से मानचित्रण कर सकते हैं। मजबूत संकेतों के अभाव में सटीकता बहुत कम है। वैसे भी, एक निवेशक के पास मौजूदा डेटा बिंदुओं पर भरोसा करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता है।

आरंभ करने के लिए, हम केवल NIFTY स्टॉक को मैप कर सकते हैं। यह इस तथ्य पर आधारित है कि अधिकतम एफआईआई खरीदारी निफ्टी बकेट से है। दूसरे शब्दों में, फ्रंटलाइन स्टॉक एफआईआई द्वारा पसंद किए जाते हैं। धीरे-धीरे आप मिडकैप और छोटे शेयरों में FII होल्डिंग पैटर्न का अध्ययन कर सकते हैं और उन्हें अपनी मैपिंग सूची में शामिल कर सकते हैं।

एक उदाहरण साझा करने के लिए, मैं कैसे ट्रैक रखता हूं। आज शुद्ध आधार पर एफआईआई की खरीदारी +650 करोड़ थी। यह एक मजबूत संकेत है।

 मैंने NIFTY में स्टॉक मूवमेंट चेक किया। मैंने देखा कि एसबीआई, एक्सिस बैंक और टाटा मोटर्स में 250 करोड़ रुपये की बहुत भारी डिलीवरी आधारित खरीदारी हुई। डीआईआई ट्रेडिंग में खरीदारी का यह स्तर/पैमाना संभव नहीं है।

इसलिए, मैंने इन शेयरों को FII वॉचलिस्ट में मैप किया। मजबूत संकेत वाले दिनों में इसी तरह की मैपिंग से एफआईआई के पसंदीदा और कम पसंदीदा शेयरों के बारे में कुछ अंदाजा लगाने में मदद मिलेगी।

इसी तरह मारुति में असामान्य मूल्य उतार-चढ़ाव और भारी बिकवाली यह संकेत दे सकती है कि शायद एफआईआई इस स्टॉक में बिकवाली कर रहे हैं। अन्यथा, मारुति एक बहुत ही स्थिर स्टॉक है।

वॉल्यूम और डिलीवरी

चेक करने का एक और तरीका स्टॉक के वॉल्यूम और डिलीवरी में तेज उतार-चढ़ाव का निरीक्षण करना है। उसके बाद ऐसे शेयरों को एफआईआई के पसंदीदा विषयों और क्षेत्रों में मैप करें जैसा कि अगले बिंदु में चर्चा की गई है।

सबसे अच्छा उदाहरण जो मैं सोच सकता हूं वह आईनॉक्स अवकाश है। आईनॉक्स अवकाश की मात्रा और वितरण में एक असामान्य गति है। जब मैंने इसे एफआईआई के पसंदीदा क्षेत्रों में मैप किया तो मैंने देखा कि यह स्टॉक शहरी खपत थीम का हिस्सा है।

वर्तमान में, एफआईआई इस विषय पर उत्साहित हैं, इसलिए इस शेयर में एफआईआई की खरीदारी की उच्च संभावना है।

सेक्टर्स और थीम

जिन सेक्टर्स और थीम पर एफआईआई बुलिश हैं, उनकी पहचान करने के लिए आपको काफी अध्ययन करने की जरूरत है। साथ ही विदेशी ब्रोकरेज की रिसर्च रिपोर्ट और बिजनेस चैनलों में इंटरव्यू पर भी पैनी नजर रखें।

एक या दो महीने तक खुद को अपडेट रखने के बाद आपको उन विषयों और क्षेत्रों के बारे में उचित जानकारी मिल जाएगी, जिन पर एफआईआई उत्साहित हैं। मेरे विश्लेषण के अनुसार, एफआईआई के मौजूदा पसंदीदा शहरी खपत, बैंक, फार्मा और आईटी हैं। यह सूची कल भी बदल सकती है।

आपको हमेशा उन क्षेत्रों और विषयों पर दांव लगाना चाहिए जो विभिन्न विदेशी विश्लेषकों के बीच आम हैं। हालांकि वे अपने कार्ड का खुलासा नहीं करते हैं लेकिन एक निवेशक हमेशा संकेत पकड़ सकता है। लंबी अवधि के निवेश के लिए आप मेरी 7 क्षेत्रों की सूची भी देख सकते हैं।

तिमाही रिपोर्ट

एफआईआई शेयरधारिता की जांच करने के लिए आप हमेशा अपने पसंदीदा शेयरों की तिमाही रिपोर्ट देख सकते हैं। यह जानकारी moneycontrol.com जैसी साइटों पर भी उपलब्ध है। यह आपके पोर्टफोलियो/वॉच-लिस्ट में एफआईआई की खरीदारी के पैटर्न को ट्रैक करने में आपकी मदद करेगा।

वास्तव में, मैंने देखा कि अगर कुछ निवेशक एफआईआई होल्डिंग में कमी देखते हैं तो वे अपनी होल्डिंग को कम करना शुरू कर देते हैं। दूसरे शब्दों में, वे देशी की तुलना में विदेशी विश्लेषकों के विश्लेषण पर अधिक भरोसा करते हैं।

अगर FII होल्डिंग घट रही है तो कुछ के लिए कोई ठोस वजह जरूर होगी। तथ्य यह है कि आम निवेशक की तुलना में एफआईआई के पास कंपनी के संचालन के लिए अधिक दृश्यता है।

खबर

अंत में, इस बात की संभावना है कि आपसे कोई महत्वपूर्ण जानकारी छूट सकती है। इसलिए, नियमित आधार पर आप FII खरीद, FII बिक्री, FII स्टॉक आदि जैसे कीवर्ड के माध्यम से FII गतिविधि के बारे में Google समाचार खोज सकते हैं।

निष्कर्ष

इस पोस्ट के माध्यम से, मैं यह निष्कर्ष नहीं निकाल रहा हूं कि एक निवेशक के रूप में हमें केवल उन शेयरों को खरीदना चाहिए जो एफआईआई खरीद रहे हैं।

एफआईआई खरीदारी का मतलब बढ़ी हुई गतिविधि, स्टॉक में रुचि और स्टॉक में अधिक फंड प्रवाह है। जब भी ऐसी कोई खबर बाहर आती है जैसे आरबीआई ने एफआईआई की सीमा बढ़ा दी है, स्टॉक ए में एफआईआई खरीद या कुछ अंतरराष्ट्रीय सूचकांकों में शामिल स्टॉक।

स्टॉक A की कीमत निश्चित रूप से एक ही दिन में 2%-5% बढ़ जाएगी। दूसरे, यह जरूरी नहीं है कि ज्यादा एफआईआई होल्डिंग या खरीदारी गतिविधि वाले शेयर सबसे अच्छा प्रदर्शन करते हैं। सबसे अच्छा उदाहरण आईडीएफसी है।

इस स्टॉक में पर्याप्त FII होल्डिंग है लेकिन यह ग्रॉस अंडर परफॉर्मर है। इसलिए केवल एफआईआई की खरीदारी ही यह सुनिश्चित नहीं कर सकती है कि भविष्य में स्टॉक अच्छा प्रदर्शन करेगा।

यह पैरामीटर एक पैरामीटर हो सकता है लेकिन स्टॉक चयन के लिए एकमात्र मानदंड नहीं है। अपनी मेहनत की कमाई जमा करने से पहले फंडामेंटल या टेक्निकल एनालिसिस करना जरूरी है।

ज्ञान की बातें: हमेशा याद रखें कि यदि आप उच्च एफआईआई होल्डिंग या एफआईआई के पसंदीदा शेयर खरीद रहे हैं तो यह और तेजी से गिरेगा जब एफआईआई बाहर निकलने का फैसला करेंगे।

बाजार करेक्शन से ज्यादा करेक्शन होगा। सबसे अच्छा उदाहरण आईसीआईसीआई बैंक है। यह हाल के बाजार तबाही में सबसे सही शेयरों में से एक है। एफआईआई की भारी बिकवाली से यह 325 रुपये के स्तर से गिरकर 265 रुपये पर आ गया। रातों-रात किस्मत कब बदल जाती है पता ही नहीं चलता।

 इसलिए शेयर बाजार पर हमेशा नजर बनाए रखें। खरीदें और भूल जाएं के दिन लद गए हैं। इन दिनों खरीदें तो नजर रखें वरना बोलें बाय बाय :)।

विदेशी संस्थागत निवेश – Foreign Institutional Investment

सेबी (विदेशी संस्थागत निवेशक) विनियम, 1995 में परिवर्तन

1996-97 में, विदेशी संस्थागत निवेशक आधार में विविधता लाने और विदेशी पोर्टफोलियो निवेश के प्रवाह को और सुविधाजनक बनाने के लिए सेबी (विदेशी संस्थागत निवेशक) विनियम, 1995 में कई बदलाव किए गए हैं। इन परिवर्तनों का उद्देश्य एफआईआई मार्ग के माध्यम से ऋण प्रतिभूतियों में निवेश को सुविधाजनक बनाना भी है। परिवर्तन इस प्रकार हैं:

एफआईआई की पात्र श्रेणियों को विश्वविद्यालय फंड, एंडोमेंट्स, फाउंडेशन, धर्मार्थ ट्रस्ट और धर्मार्थ समाजों को शामिल करने के लिए विस्तारित किया गया है, जिनके पास 5 साल का ट्रैक रिकॉर्ड है और जो निगमन या स्थापना के अपने देश में एक वैधानिक प्राधिकरण के साथ पंजीकृत हैं।

प्रत्येक एफआईआई या एफआईआई के उप-खाते को किसी एक कंपनी की इक्विटी के 10% तक निवेश करने की अनुमति दी गई है, जो सभी एफआईआई, एनआरआई और ओसीबी द्वारा निवेश पर 24% की समग्र सीमा के अधीन है।

व्यक्तिगत कंपनियों के मामले में 24% की सीमा को 30% तक बढ़ाया जा सकता है, जिन्होंने इसके लिए शेयरधारक अनुमोदन प्राप्त किया है

  • एफआईआई को असूचीबद्ध प्रतिभूतियों में निवेश करने की अनुमति दी गई है
  • एफआईआई को अपने मालिकाना कोष में निवेश करने की अनुमति दी गई है

सेबी से विशिष्ट अनुमोदन प्राप्त करने वाले एफआईआई को ऋण प्रतिभूतियों में अपने पोर्टफोलियो का 100% निवेश करने की अनुमति दी गई है। ऐसा निवेश सूचीबद्ध या सूचीबद्ध होने वाली कॉर्पोरेट ऋण प्रतिभूतियों या दिनांकित सरकारी प्रतिभूतियों में हो सकता है, और इसे बाहरी वाणिज्यिक उधार पर समग्र सीमा का हिस्सा माना जाता है।

इन परिवर्तनों का प्रभाव कई बंदोबस्ती निधियों, मालिकाना निधियों और एफआईआई के 100% ऋण निधियों द्वारा पंजीकरण प्राप्त करने के रूप में महसूस किया गया। इस रिपोर्ट के भाग II में और विवरण दिए गए हैं।

एफआईआई पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए, सेबी और आरबीआई ने एक समन्वय समिति की स्थापना की। 1996-97 के अंत में सेबी और आरबीआई के पास एफआईआई पंजीकरण के लिए कोई आवेदन लंबित नहीं था।

वैश्विक डिपॉजिटरी रसीदों, विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांडों और भारतीय जारीकर्ताओं द्वारा जारी विदेशी मुद्रा बांडों की खरीद के माध्यम से भारतीय प्रतिभूतियों में विदेशी निवेश भी संभव हो गया है जो सूचीबद्ध, व्यापार और विदेशों में बसे हुए हैं।

विदेशी निवेशक, चाहे एफआईआई के रूप में पंजीकृत हों या नहीं, एफआईआई मार्ग के बाहर भी भारतीय प्रतिभूतियों में निवेश कर सकते हैं। इस तरह के निवेश के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (FIPB) और RBI, या केवल RBI द्वारा निवेश के आकार और उस उद्योग के आधार पर अनुमोदन की आवश्यकता होती है जिसमें यह निवेश किया जाना है।

विदेशी वित्तीय सेवा संस्थानों को भी भारतीय भागीदारों के साथ स्टॉक ब्रोकिंग, परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों, मर्चेंट बैंकिंग और अन्य वित्तीय सेवा फर्मों (stock broking, merchant banking, asset management companies and other financial services firms) में संयुक्त उद्यम स्थापित करने की अनुमति दी गई है। वित्तीय सेवाओं में विदेशी भागीदारी के लिए एफआईपीबी के अनुमोदन की आवश्यकता होती है। 1996-97 में, FIPB ने गैर-बैंकिंग वित्तीय सेवा क्षेत्र में विदेशी निवेश के लिए दिशानिर्देशों की घोषणा की।

शेयर बाजार में DII क्या है

घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) (Domestic Institutional investors (DIIs)) वे हैं जो बैंकों, बीमा फर्मों, म्यूचुअल फंड और अन्य सहित व्यवसायों या संस्थानों की ओर से किसी देश की वित्तीय संपत्ति में निवेश करते हैं। इसे सीधे शब्दों में कहें, तो घरेलू निवेशक उस धन का उपयोग करेंगे जो वे अपने राष्ट्र की संपत्ति और संसाधनों में व्यापार करने के लिए जोड़ते हैं।

जानिये शेयर बाजार में DII क्या है?

डीआईआई के रूप में जाने जाने वाले निवेशकों की एक विशिष्ट श्रेणी उस राष्ट्र की वित्तीय प्रतिभूतियों और संपत्तियों में निवेश करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें वे अब रह रहे हैं। आर्थिक और राजनीतिक विकास डीआईआई के निवेश चयनों को प्रभावित करते हैं।

घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई), विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की तरह, अर्थव्यवस्था में शुद्ध पूंजी प्रवाह को प्रभावित कर सकते हैं।

जब यह भारतीय वित्तीय बाजारों के प्रदर्शन से संबंधित होता है, तो घरेलू संस्थागत निवेशक महत्वपूर्ण प्रभाव डालते हैं, खासकर जब विदेशी संस्थागत निवेशक देश के शुद्ध विक्रेता होते हैं।

 लगभग मार्च 2020 से भारतीय इक्विटी बाजार में डीआईआई द्वारा कुल ₹55,595 करोड़ का निवेश किया गया था। किसी दिए गए महीने के दौरान, इस योगदान ने एक नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड स्थापित किया।

भारत में, शेयर बाजार की सफलता स्थानीय निवेशकों से काफी प्रभावित होती है। यह विशेष रूप से सच है कि विदेशी संस्थागत निवेशक राष्ट्र में सिर्फ शुद्ध विक्रेता हैं। अप्रैल 2021 और अगस्त 2021 के दौरान, DII प्रवाह कुल 7.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जबकि FII प्रवाह 2.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया।

डीआईआई कैसे काम करते हैं?How Do DIIs Work?

घरेलू संस्थागत निवेशकों के पास सक्षम अनुसंधान कर्मी हैं जिन्हें सेबी प्रमाणीकरण प्राप्त हुआ है। बहरहाल, उनके अधिक शोध के कारण, व्यक्तिगत निवेशकों और अर्थशास्त्रियों द्वारा एफआईआई संचालन के साथ-साथ निवेश को अधिक महत्व दिया जाता है।

चूंकि उनकी खरीद और बिक्री की मात्रा बाजार की दिशा बदलती है, डीआईआई और एफआईआई को कभी-कभी मार्केट मूवर्स के रूप में संदर्भित किया जाता है।

हालांकि भारत ने इक्विटी की संख्या पर सीमाएं लगाई हैं और संपत्ति की कुल राशि एफआईआई एक कंपनी से खरीद सकते हैं, डीआईआई इन प्रतिबंधों के अधीन नहीं हैं।

डीआईआई लंबी अवधि के लिए फिर से निवेश करते हैं, एफआईआई के विपरीत, जो एक छोटे से मध्यवर्ती निवेश लक्ष्य पर केंद्रित होते हैं।

एनएसई की वेबसाइट में एफआईआई और डीआईआई की जानकारी शामिल है। इस जानकारी का उपयोग खुदरा निवेशक द्वारा संस्थागत निवेशकों की गतिविधि का अनुसरण करने के लिए किया जा सकता है।

उदाहरण के लिए, निवेशक पता लगा सकते हैं कि उनका निवेश कहां है, उन्होंने कौन सी संपत्ति खरीदी या बेची है, और बहुत कुछ। वे निगरानी कर सकते हैं कि ये संस्थागत निवेशक क्या कर रहे हैं। उच्च श्रेणी की फर्म खोजने के लिए व्यक्तिगत निवेशक को विश्लेषण या जांच में ज्यादा समय देने की आवश्यकता नहीं होती है।

अधिकांश नौसिखिए निवेशक इस बात से अवगत हैं कि किसी कंपनी के बारे में सभी प्रासंगिक जानकारी प्राप्त करना कितना कठिन है। इसलिए, उनके पास अपने शोध के लिए आंशिक रूप से FII और DII संचालन की जानकारी पर निर्भर रहने का विकल्प है।

यदि डीआईआई और एफआईआई ने वहां निवेश किया है तो खुदरा निवेशक व्यवसाय पर दांव लगा सकते हैं क्योंकि यह इस बात का एक विश्वसनीय संकेतक है कि स्टॉक आगे चलकर कैसा प्रदर्शन करेगा।

भारत में विभिन्न प्रकार के DII

भारत में काम कर रहे घरेलू संस्थागत निवेशकों के चार अलग-अलग समूह हैं। जो हैं:

  1. भारतीय म्युचुअल फंड – Indian Mutual Funds

अपने उद्देश्यों के आधार पर, म्युचुअल फंड अपने शेयरधारक धन से विभिन्न प्रकार की संपत्तियों में निवेश कर सकते हैं। निवेशक की आवश्यकताओं और जोखिम सहनशीलता के अनुसार, खरीद के लिए विभिन्न प्रकार के फंड प्रकारों की पेशकश की जाती है।

 मार्च 2020 की तिमाही के दौरान भारतीय म्युचुअल फंडों के पास इक्विटी होल्डिंग में अधिकतम 11,722 करोड़ रुपये थे। उनकी बहुमुखी प्रतिभा और अनुकूलता को देखते हुए, म्युचुअल फंड नौसिखिए, मध्यम और अनुभवी निवेशकों के लिए भारत में एक पसंदीदा निवेश विकल्प हैं।

भारतीय म्युचुअल फंड होल्डिंग्स में योगदान करके, निवेशक जोखिम और धन विकास उद्देश्यों के लिए अपनी सहनशीलता के आधार पर अपने फंड का चयन कर सकते हैं और इस तरह, वे अप्रत्यक्ष रूप से खुद को स्थानीय संस्थागत निवेशकों में बदल सकते हैं।

  1. भारतीय बीमा संगठन – Indian Insurance Organizations

बीमा व्यवसाय जो पूरी तरह से भारत में स्थित हैं और भारतीयों द्वारा नियंत्रित हैं, एक अन्य प्रकार के घरेलू संपत्ति प्रबंधक हैं। बीमा कंपनियों द्वारा ग्राहकों को जीवन बीमा, सावधि बीमा, स्वास्थ्य बीमा, सेवानिवृत्ति विकल्प और अन्य सहित कई प्रकार के बीमा विकल्प प्रदान किए जाते हैं।

व्यवसाय जो प्रदान करता है उसके दायरे के अनुसार, अक्सर भारतीय बीमा फर्मों के माध्यम से यूलिप सहित ऋण और अन्य प्रकार के वित्तीय साधन प्राप्त हो सकते हैं। मार्च तिमाही में, बीमा वाहकों ने DII की कुल स्टॉक होल्डिंग्स में लगभग ₹20,000 करोड़ का महत्वपूर्ण योगदान दिया।

  1. घरेलू पेंशन योजनाएँ – Domestic Pension Plans

ये पेंशन प्लान लोगों को रिटायरमेंट कॉर्पस बनाने में मदद करके कम से कम झंझट के साथ रिटायर होने में मदद करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। एक राष्ट्रीय पेंशन योजना, भविष्य सार्वजनिक निधि, और श्रमिक भविष्य निधि संगठन भारत में सरकार द्वारा संचालित सेवानिवृत्ति कार्यक्रमों के कुछ उदाहरण हैं जो डीआईआई में योगदान करते हैं।

  1. वित्तीय और बैंकिंग संस्थान – Financial and Banking Institutions

भारत की वित्तीय कंपनियां और बैंक स्वयं घरेलू संस्थागत निवेशकों के लिए वित्त पोषण के अंतिम स्रोत हैं। 2020 की शुरुआत के बाद से बैंकों के एयूएम, या “प्रबंधन के तहत संपत्ति” में 20% की वृद्धि हुई, भले ही वे मार्च 2020 में भारतीय शेयर बाजार पर उद्योग के प्रदर्शन में एक प्रमुख कारक नहीं थे।

निष्कर्ष

खुदरा निवेशक और अर्थव्यवस्था दोनों घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) पर निर्भर हैं। बिना किसी पूर्व निवेश विशेषज्ञता वाले शुरुआती लोगों को विशेष रूप से लाभ हो सकता है।

हालाँकि, स्टॉक खरीदने से पहले अपने शोध को ध्यान में रखें। इन संस्थागत निवेशकों के बारे में जानकारी गतिशील है। डीआईआई व्यवसाय प्रबंधन और पूंजी बाजार को बढ़ावा देने में मदद करते हैं।

विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) – How Do DIIs Work?

विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) का परिचय

विदेशी संस्थागत निवेशक एक संस्थागत, व्यक्तिगत या समूह इकाई है जो किसी अन्य देश की अर्थव्यवस्था में निवेश करने की मांग कर रहा है, जहां इकाई का मुख्यालय है। एफआईआई उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे विकासशील देशों में व्यवसायों के लिए धन और पूंजी लाते हैं।

विदेशी संस्थागत निवेशकों को समझना

इन निवेशकों में आमतौर पर हेज फंड, म्यूचुअल फंड, बीमा कंपनियां और निवेश बैंक शामिल होते हैं। एफआईआई आमतौर पर विदेशी वित्तीय बाजारों में इक्विटी पोजीशन रखते हैं। इसके कारण, एफआईआई द्वारा निवेश की गई कंपनियों ने आम तौर पर धन के स्वस्थ प्रवाह के कारण पूंजी संरचना में सुधार किया है। इस प्रकार, एफआईआई पूंजी बाजार में वित्तीय नवाचार और विकास की सुविधा प्रदान करते हैं।

एफआईआई के प्रवेश से घरेलू वित्तीय बाजारों में भारी उछाल आ सकता है। यह स्थानीय मुद्रा की मांग को बढ़ाता है और मुद्रास्फीति को निर्देशित करता है।

इसलिए, घरेलू कंपनी में एफआईआई की कितनी हिस्सेदारी हो सकती है, इस पर किसी देश के प्रबंध प्राधिकरण द्वारा प्रतिबंध लगाए गए हैं। यह सुनिश्चित करता है कि कंपनी पर FII का प्रभाव सीमित है, ताकि शोषण से बचा जा सके।

विचार करने योग्य बातें

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) (Foreign Direct Investments (FDI)) विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा किए गए निवेश का एक हिस्सा है। हालांकि, हर एफआईआई उस देश में एफडीआई नहीं करेगा, जिसमें वह निवेश कर रहा है।

एफआईआई सीधे देश के स्टॉक/प्रतिभूति बाजार, इसकी विनिमय दर और मुद्रास्फीति को प्रभावित करते हैं।

एफआईआई प्राथमिक और द्वितीयक दोनों बाजारों में शेयर बाजारों में सूचीबद्ध, असूचीबद्ध और सूचीबद्ध होने वाली कंपनियों में निवेश कर सकते हैं।

एफडीआई अधिक इरादतन हैं, जबकि एफआईआई धन के हस्तांतरण से अधिक चिंतित हैं और संभावित कंपनी में पूंजीगत लाभ की तलाश में हैं।

भारत में, एफआईआई भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के साथ पंजीकरण के बाद पोर्टफोलियो निवेश योजना (पीआईएस) के माध्यम से निवेश करते हैं।

विदेशी संस्थागत निवेशक विकासशील देशों में निवेश करना चुनते हैं क्योंकि वे उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं के कारण अधिक विकास क्षमता प्रदान करते हैं।

कभी-कभी, FII छोटी अवधि के लिए प्रतिभूतियों में निवेश करते हैं। यह बाजार में तरलता के लिए सहायक है, लेकिन वे धन के प्रवाह में अस्थिरता भी पैदा करते हैं।

Category Date Buy Value(₹ Crores) Sell Value(₹ Crores) Net Value(₹ Crores)
DII 14-Aug-2023 8828.21 8327.86 500.35
FII/FPI 14-Aug-2023 9508.14 12581.42 -3073.28
Category Date Buy Value(₹ Crores) Sell Value(₹ Crores) Net Value(₹ Crores)
DII 06-July-2023 8247.14 10598.80 -2351.66
FII/FPI 06-July-2023 12337.96 9696.91 2641.05
Category Date Buy Value(₹ Crores) Sell Value(₹ Crores) Net Value(₹ Crores)
DII 05-July-2023 7983.81 8422.82 -439.01
FII/FPI 05-July-2023 8742.32 7139.17 1603.15
Category Date Buy Value(₹ Crores) Sell Value(₹ Crores) Net Value(₹ Crores)
DII 02-June-2023 6951.54 6369.69 581.85
FII/FPI 02-June-2023 10393.93 11052.81 -658.88
Category Date Buy Value(₹ Crores) Sell Value(₹ Crores) Net Value(₹ Crores)
DII 01-June-2023 5715.08 5226.15 488.93
FII/FPI 01-June-2023 8751.66 8822.73 -71.07
Category Date Buy Value(₹ Crores) Sell Value(₹ Crores) Net Value(₹ Crores)
DII 31-May-2023 11726.46 14254.98 -2528.52
FII/FPI 31-May-2023 65024.36 61618.46 3405.90
Category Date Buy Value(₹ Crores) Sell Value(₹ Crores) Net Value(₹ Crores)
DII 30-May-2023 5937.03 6375.96 -438.93
FII/FPI 30-May-2023 9789.47 7709.85 2085.62

 

Category Date Buy Value(₹ Crores) Sell Value(₹ Crores) Net Value(₹ Crores)
DII 29-May-2023 6217.74 5364.17 853.57
FII/FPI 29-May-2023 7767.00 6008.84 1758.16
Category Date Buy Value(₹ Crores) Sell Value(₹ Crores) Net Value(₹ Crores)
DII 26-May-2023 7705.60 5864.62 1840.98
FII/FPI 26-May-2023 8203.32 7853.17 350.15

 

Category Date Buy Value(₹ Crores) Sell Value(₹ Crores) Net Value(₹ Crores)
DII 25-May-2023 5522.80 5184.36 338.44
FII/FPI 25-May-2023 8521.07 7931.97 589.10
Category Date Buy Value(₹ Crores) Sell Value(₹ Crores) Net Value(₹ Crores)
DII 24-May-2023 5880.82 5579.89 300.93
FII/FPI 24-May-2023 8548.49 7362.65 1185.84
Category Date Buy Value(₹ Crores) Sell Value(₹ Crores) Net Value(₹ Crores)
DII 23-May-2023 5543.09 5145.80 397.29
FII/FPI 23-May-2023 7829.51 7647.00 182.51
Category Date Buy Value(₹ Crores) Sell Value(₹ Crores) Net Value(₹ Crores)
DII 22-May-2023 5486.85 4882.25 604.57
FII/FPI 22-May-2023 6956.61 6033.72 922.89
Category Date Buy Value(₹ Crores) Sell Value(₹ Crores) Net Value(₹ Crores)
DII 19-May-2023 6,427.80 5,356.45 1,071.35
FII/FPI 19-May-2023 7,325.40 7,438.86 -113.46

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